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जो हवा में है / उमाशंकर तिवारी

385 bytes added, 17:38, 10 सितम्बर 2009
क्यों नहीं वह बात मुझमें है।
एक नन्हीं जान चिडि़या काडा़ल से उड़कर हवा होनासात रंगों के लिये दुनियावापसी में नींद भर सोनाजो खुला आकाश स्वर में हैक्यों नहीं वह बात मुझमें है।
</poem>
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