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12:09, 12 सितम्बर 2009 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=अवतार एनगिल
|संग्रह=मनखान आएगा /अवतार एनगिल
}}
<poem>हमारे बॉस को
फूलों की गंध से
अलर्जीहै
हवा में बसे पराग कण
उन्हें ज़ुकाम करते हैं
इसीलिए वे
खुश्बू से डरते हैं
आपसे अनुरोध है कि
हुज़ूर की सेहत का
ख़्याल रखते हुए
विशेषतया----
सूरजमुझी
रजनीगंधा
और गुलाब का
बहिष्कार करें---
वे फूलों से डरते हैं
आप उनसे डरें ।
</poem>