लेखक: [[{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"]]}}[[Category:कविताएँलम्बी कविता]] [[Category:बादल राग / भाग ३ / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"|<< पिछला भाग]]
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सिन्धु के अश्रु!<br>
आज अनिश्चित पूरा होगा श्रमिक प्रवास,<br>
आज मिटेगी व्याकुल श्यामा के अधरों की प्यास।<br><br>
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