गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
अरमान मेरे दिल का निकलने नहीं देते / अकबर इलाहाबादी
193 bytes added
,
11:28, 16 सितम्बर 2009
ख़ातिर से तेरी याद को टलने नहीं देते
सच है कि हमीं दिल को संभलने नहीं देते
आँखें मुझे तल्वों से वो मलने नहीं देते
अरमान मेरे दिल का निकलने नहीं देते
किस नाज़ से कहते हैं वो झुंझला के शब-ए-वस्ल
Shrddha
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
3,286
edits