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सदस्य वार्ता:Subhash
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17:22, 16 सितम्बर 2009
अगर इस ज़माने में सच बात कहना
बुरा है तो फ़िर हम बुरे ही सही हैं
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तिशन्गी और खलिस शामो-सहर होती है
सख्त हो जाये तो औरों को मिटा सकती है
तल्ख हो जाये तो ये खुद पे कहर होती है
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Subhash
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