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जुस्तजू जिस की थी / शहरयार

20 bytes removed, 23:52, 16 सितम्बर 2009
|voiceof=अज्ञात
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[[Category:ग़ज़ल]]{{KKCatGhazal}}जुस्तजू जिस की थी उस को तो न पाया हम नेहमने<br>इस बहाने से मगर देख ली दुनिया हम नेहमने<br><br>
तुझ को तुझको रुसवा न किया ख़ुद भी पशेमाँ न हुये<br>इश्क़ की रस्म को इस तरह निभाया हम नेहमने<br><br>
कब मिली थी कहाँ बिछड़ी थी हमें याद नहीं<br>
ज़िन्दगी तुझ को तुझको तो बस ख़्वाब में देखा हम नेहमने<br><br>
ऐ "अदा" और सुनाये भी तो क्या हाल अपना<br>
उम्र का लम्बा सफ़र तय किया तन्हा हम नेहमने<br><br><br>
टिप्पणी:<br>
इस गज़ल को शहरयार ने फ़िल्म "उमराव जान" के लिये लिखा था। फ़िल्म में नायिका उमराव जान एक शायरा भी हैं और उनका तख़ल्लुस "अदा" है।<br><br>