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मैं जीवन में कुछ कर न सका / हरिवंशराय बच्चन
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13:35, 26 सितम्बर 2009
जग में
अँधियाला
अँधियारा
छाया था,
मैं ज्वाला लेकर आया था
मन जीवन पर पछताएगा,
मरना ही होगा मुझको
पर,
जब मरना था तब मर न सका!
मैं जीवन में कुछ न कर सका!
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