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जग में अँधियाला अँधियारा छाया था,
मैं ज्‍वाला लेकर आया था
मन जीवन पर पछताएगा,
मरना ही होगा मुझको पर, जब मरना था तब मर न सका!
मैं जीवन में कुछ न कर सका!
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