गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
वर्षा राग-2 / उदय प्रकाश
210 bytes added
,
14:45, 28 सितम्बर 2009
कैसी हलचल आसमान ने मचा रखी है
कल-परसों से नहीं किसी ने धूप चखी है
घड़ों-घड़ों पानी औटाओ, मूसलधार गिराओ
लेकिन सब चुपचाप करो, चिड़ियों को नहीं डराओ!
</poem>
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,865
edits