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विष का स्वाद बताना होगा / हरिवंशराय बच्चन
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14:33, 29 सितम्बर 2009
कटुतर यह कटु पेय बनेगा,
ऐसे पी सकता है कोई, तुझको
हँस
पी
मुसकाना
जाना
होगा!
विष का स्वाद बताना होगा!
गरल पान करके तू बैठा,
फेर पुतलियाँ
,
कर-पग ऐंठा,
यह कोई
कह
कर
सकता, मुर्दे
,
तुझको अब उठ गाना होगा!
विष का स्वाद बताना होगा!
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