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दिन जल्दी जल्दी ढलता है / हरिवंशराय बच्चन
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20:27, 29 सितम्बर 2009
मैं होऊँ किसके हित चंचल?--
यह
प्रश्न
प्रश्न
शिथिल करता पद को, भरता उर में विह्वलता है!
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!
हेमंत जोशी
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