Changes

काले, कड़े, बड़े, बिखरे-से,
मस्‍तीमस्ती, आजादी, बेफिकरी,
बेखबरी के हैं संदेसे।
भौंहों में कुछ टेढ़ापन है,
दुनिया को है एक चुतौतीचुनौती,
कभी नहीं झुकने का प्राण है।
आँख-मिचौनी छिड़ी परस्‍पर,
बेचैनी में, बेसबरी बेसब्री में
लुके-छिपे हैं अपने सुंदर
नयनों के दो द्वार खुले हैं,
समय दे गसा गया ऐसी दीक्षा,
स्‍वागत स्वागत सबके लिए यहाँ पर,
नहीं किसी के लिए प्रतीक्षा।
Mover, Uploader
752
edits