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इधर से अब्र उठकर जो गया है / मीर तक़ी 'मीर'
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11:10, 2 अक्टूबर 2009
सरहाने 'मीर' के आहिस्ता बोलो
अभी टुक रोते
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रोते सो गया है
हेमंत जोशी
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