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खारे क्यों रहे सिंधु! / महादेवी वर्मा
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|संग्रह=प्रथम आयाम / महादेवी वर्मा
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होती है न प्राण की प्रतिष्ठा न वेदी पर<br>
देवता का विग्रह जबखण्डित हो जाता है।<br><br>
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