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चिर सजग आँखे उनींदी / महादेवी वर्मा
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|संग्रह=सांध्यगीत / महादेवी वर्मा
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चिर सजग आँखे उनींदी आज कैसा व्यस्त बाना!<br>
जाग तुझको दूर जाना!<br><br>
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