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08:32, 4 अक्टूबर 2009
हाँ कहेंगे
उसके अनुरक्त नेत्र उसके उदग्र-उत्सुक कुचाग्र उसकी देह की चकित धूप
उसके आर्द्र अधर
अनिल जनविजय
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