सादर
--[[सदस्य:अनिल जनविजय|अनिल जनविजय]] १३:३२, ७ अक्तूबर २००९ (UTC)
प्रिय धर्मेन्द्र जी!
अगर किसी भी कवि की एक कविता या कुछ कविताएँ कई-कई संग्रहों में दुहराई जाती हैं तो आम तौर उस संग्रह का नाम लिखा जाता है, जिसमें वो सबसे पहले छपी थी या फिर जो संग्रह पहले प्रकाशित हुआ था।
सादर
--[[सदस्य:अनिल जनविजय|अनिल जनविजय]] १५:४९, ७ अक्तूबर २००९ (UTC)