Changes

|रचनाकार= सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
}}
{{KKCatKavita}}
पल्लव - पल्लव पर हरियाली फूटी, लहरी डाली-डाली,<br>
बोली कोयल, कलि की प्याली मधु भरकर तरु पर उफनाई। <br><br>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits