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दलित जन पर करो करुणा / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
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|रचनाकार=सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
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<poem>दलित जन पर करो करुणा।
दीनता पर उतर आये
प्रभु, तुम्हारी शक्ति वरुणा।
समुद्धत मन सदा हो स्थिर,
पार कर जीवन निरंतर
रहे बहती भक्ति वरूणा </poem>
अनिल जनविजय
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