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वर्तनी के नियमों को समझने के लिए वर्णमाला को ठीक तरह से समझ लेना ज़रूरी है। इसलिए यहाँ पहले स्वर और व्यंजनों को क्रमानुसार दिया जा रहा है। इसको ठीक से समझ लें।
स्वर - अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ अं अः
ये स्वर हैं। स्वरों की मात्राएँ होती हैं जिनका प्रयोग व्यंजनों में किया जाता है। एक व्यंजन में एक समय में केवल ही मात्रा का प्रयोग किया जा सकता है। एक से अधिक मात्राओं का नहीं। ऊपर की बिंदी को अनुस्वार और दाहिनी ओर आने वाली बिंदी को विसर्ग कहते हैं।