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कविता कोश में वर्तनी के मानक

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/* चंद्र बिंदु */
व्यंजन वर्गों में होते हैं। उदाहरण के लिए क ख ग घ ङ को वर्ग कवर्ग कहा जाता है और च छ ज झ ञ चवर्ग यानि हर वर्ग का नाम अपने वर्ग के पहले व्यंजन पर होता है। हर वर्ग का अंतिम व्यंजन अनुनासिक होता है। यानि उसका उच्चारण करने में नासिका (नाक) का सहयोग लेना पड़ता है। संसकृत के एक नियम के अनुसार अनुनासिक व्यंजनों को बिंदु में बदला जा सकता है। हम कविता कोश में इसी नियम का पालन करते हुए अनुनासिक व्यंजनों के लिए बिंदी का प्रयोग करेंगे। यानि बिन्दी की जगह बिंदी कङ्गन की जगह कंगन, चंञ्चल की जगह चंचल कण्ठ की जगह कंठ, कुन्तल की जगह कुंतल इस प्रकार लिखेंगे।
 
 
===विसर्ग==
 
* हिंदी में विसर्ग यानि अः की मात्रा का प्रयोग अब जारी नहीं है। इसलिए दुःख की जगह दुख लिखना सही है।