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दृढ इन चरण कैरो भरोसो / सूरदास
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10:22, 23 अक्टूबर 2009
[[Category:पद]]
<poem>
दृढ इन चरण कैरो भरोसो, दृढ इन चरणन कैरो ।
श्री वल्लभ नख चंद्र छ्टा बिन, सब जग माही अंधेरो ॥
साधन और नही या कलि में, जासों होत निवेरो ॥
सूर कहा कहे, विविध आंधरो, बिना मोल को चेरो ॥
</poem>
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