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कौन? / महादेवी वर्मा
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15:03, 24 अक्टूबर 2009
ढुलकते आँसू सा सुकुमार
बिखरते सपनों सा अज्ञात,
चुरा कर
ऊषा
अरुणा
का सिन्दूर
मुस्कुराया
मुस्कराया
जब मेरा प्रात,
छिपा कर लाली में चुपचाप
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