गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
मुक्ति पर्व / आकांक्षा पारे
No change in size
,
17:41, 24 अक्टूबर 2009
तमाम विशेषणों से नवाजी जाती
तुम्हारे चरण
-
कमलों
और मज़बूत मुट्ठी की मार से बचती
मुँह पर आँचल धरे तुम्हारे लिए
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,749
edits