Changes

नहुष (कविता) / मैथिलीशरण गुप्त

15 bytes added, 03:11, 28 अक्टूबर 2009
|संग्रह=जय भारत / मैथिलीशरण गुप्त
}}
{{KKCatKavita}}
‘‘नारायण ! नारायण ! साधु नर-साधना, <br>
इन्द्र-पद ने भी की उसी की शुभाराधना।’’<br>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits