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वो जिसके हाथ में छाले हैं पैरों में बिवाई है / अदम गोंडवी
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16:50, 3 नवम्बर 2009
|रचनाकार=अदम गोंडवी
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[[Category:ग़ज़ल]]
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वो जिसके हाथ में छाले हैं पैरों में बिवाई है
रोटी कितनी महँगी है ये वो औरत बताएगी
जिसने जिस्म गिरवी रख के ये क़ीमत चुकाई है
</poem>
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