Changes

अच्छा लगा / कुंवर नारायण

25 bytes added, 10:16, 4 नवम्बर 2009
|रचनाकार = कुंवर नारायण
}}
{{KKCatKavita‎}}<poem>
पार्क में बैठा रहा कुछ देर तक
 
अच्छा लगा,
 
पेड़ की छाया का सुख
 
अच्छा लगा,
 
डाल से पत्ता गिरा- पत्ते का मन,
 ''"अब चलूँ'' " सोचा, 
तो यह अच्छा लगा...
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits