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अमल रद्दे अमल / अनवर ईरज
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|रचनाकार=अनवर ईरज
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न्यूटंस लॉ
न कल ग़लत था
न आज है
न ही कल ग़लत साबित हो सकेगा
तुम ठीक कहते हो
कि हर अमल का
एक रद्दे अमल होता है
लेकिन ये भी ग़लत नहीं है
कि हर अमल का
एक जवाज़ भी होता है
दीवार पे गेंद
जितनी तेज़ी से
मारोगे
उतनी ही तेज़ी से
तुम्हारे पास लौट आएगी
तुम सच कहते हो
बिल्कुल सच कि
गुजरात
गोधरा का रद्दे अमल है
गोधरा
किसका रद्दे अमल था?
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