Changes

संधि-पत्र / अरुण कमल

12 bytes added, 07:16, 5 नवम्बर 2009
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<Poem>
 
जब उन्होंने कहा कि मेरी बात से उनकी भावना को
चोट पहुँची है और उनका मर्म आहत हुआ है
रोको इस पर आक्रमण, मैं भी चुप हो जाऊंगा--
यह रहा संधि-पत्र!
 
 
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits