Changes

सुख की स्मृतियाँ / अविनाश

18 bytes added, 09:42, 8 नवम्बर 2009
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}<Poem>जब सुख के मोती हों आंगन में बिखरे
तो मुहब्बत का पुराना गीत याद आता है
एक गोरैया आती है सूखे नलके की टोंटी पर दो पल के लिए
शास्त्र रचने वाले पंडित
हमें उन यादों से खदेड़ने की तरक़ीबें बता दें!</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,393
edits