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कुछ क़ाज़ियों के बीच ही / अश्वघोष
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13:02, 8 नवम्बर 2009
चीलें मिलेंगी पेट को बिल्कुल भरे हुए,
पर आदमी को देखिए वो
तंग हाल
तंगहाल
है।
क्यों भेड़ियों का राज है संसद के सहन में,
ज़हनों में आज सबके यही एक सवाल है।
यूँ तो सज़ा के गाँव को वो घर में
खुश
ख़ुश
हुए,
लगता है जैसे गाँव तो अब भी बवाल है।
द्विजेन्द्र द्विज
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