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गज़ब है / वर्तिका नन्दा
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18:13, 9 नवम्बर 2009
कुछ भी हो शहर में, तो भी
कुछ न हो तो भी
चैन न दिन
मेम
में
न रैन में।
अनिल जनविजय
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