गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
साथ हर हिचकी के लब पर उनका नाम आया तो क्या? / आरज़ू लखनवी
15 bytes added
,
18:57, 9 नवम्बर 2009
|रचनाकार=आरज़ू लखनवी
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
साथ हर हिचकी के लब पर उनका नाम आया तो क्या?
मय से हूँ महरूप अब भी, जो शरीके-दौर हूँ।
पाए साक़ी से जो ठोकर खाके जाम आया तो क्या?
</poem>
Dkspoet
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits