Changes

खेल / उदय प्रकाश

21 bytes added, 18:15, 10 नवम्बर 2009
|रचनाकार=उदयप्रकाश
}}
{{KKCatKavita}} <poem>
जो लड़का
 
सिपाही बना था
 
उससे दूसरे लड़के ने
 
अकड़कर कहा--
 
'अबे राजा की पूँछ के बाल
 
मैं चोर नहीं हूँ'
 
और खेल
 
बिगड़ गया ।
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits