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आँसू / श्रीकृष्ण सरल
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16:58, 24 मार्च 2008
रोदन से, भारी मन हलका हो जाता है
रोदन में भी आनन्द निराला होता
ह
है
,
हर आँसू धोता है मन की वेदना प्रखर
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Ramadwivedi