गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
और मैं / जया जादवानी
3 bytes added
,
21:30, 18 नवम्बर 2009
"[[और मैं / जया जादवानी]]" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite))
और मैं ऋतु पूरी गुज़ार आई
शाखें हुईं नंगी पाले मारे मौसम में
कर्ज
कर्ज़
था आत्मा पर, देह उतार आई।
</poem>
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,627
edits