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फिर कबीर / मुनव्वर राना

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*[[तू कभी देख तो रोते हुए आकर मुझको / मुनव्वर राना]]
*[[अगर दौलत से ही सब क़द का अंदाज़ा लगाते हैं / मुनव्वर राना]]
*[[कुछ मेरी वफादारी वफ़ादारी का इनाम इनआम दिया जाए / मुनव्वर राना]]
*[[न मैं कंघी बनाता हूँ न मैं चोटी बनाता हूँ / मुनव्वर राना]]
*[[मेरे कमरे में अँधेरा नहीं रहने देता / मुनव्वर राना]]