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दर्द आशोब / फ़राज़
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*[[तुम भी ख़फ़ा हो लोग भी बरहम हैं दोस्तो / फ़राज़]]
*[[तू कहाँ था ज़िन्दगी के रोज़ो-शब आँखों में थे / फ़राज़]]
*[[अब वो झोँके कहाँ सबा जैसे
/ फ़राज़]]
*[[तिर्याक़ / फ़राज़]]
*[[मुस्तक़िल महरूमियों पर भी तो दिल माना नहीं / फ़राज़]]
द्विजेन्द्र द्विज
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