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ज़िंदगी ! ऐ ज़िंदगी ! / फ़राज़

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* [[क़ुर्बतों में भी जुदाई के ज़माने माँगे / फ़राज़]]
* [[न हरीफ़े जाँ न शरीक़े-ग़म शबे-इंतज़ार कोई तो हो / फ़राज़]]
* [[दिल तो वह बर्गन हरीफ़े जाँ न शरीक़े-ग़म शबे-खिजां है कि हवा ले जाए इंतज़ार कोई तो हो / फ़राज़]]
* [[ख़ामोश हो क्यों दाद-ए-ज़फ़ा क्यूँ नहीं देते / फ़राज़]]
* [[दिल बहलता है कहाँ अंजुम-ओ-महताब से भी / फ़राज़]]