--[[सदस्य:Shrddha|Shrddha]] ०२:०५, २१ नवम्बर २००९ (UTC)
जनविजय जी! ’दिनकर’ अब छायावादी कवियों में रामकुमार वर्मा जी की ही रह गये हैं जिनका कोई संपूर्ण संग्रह कविता ’आग की भीख’ में कुछ बदलाव करने की आवश्यकता है, अतः उस पन्ने को असुरक्षित कर दीजिए। कोश पर नहीं है। अब अगला लक्ष्य रामकुमार वर्मा जी का कोई संग्रह ढूँढकर कविता कोश पर डालना है। सादर - [[धर्मेन्द्र कुमार सिंह]]