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सदस्य वार्ता:अनिल जनविजय

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--[[सदस्य:Shrddha|Shrddha]] ०२:०५, २१ नवम्बर २००९ (UTC)
आदरणीय जनविजय जी! अब छायावादी कवियों में रामकुमार वर्मा जी मैं रचनाएँ मूल पुस्तकों से देख कर स्वयं ही रह गये हैं जिनका कोई संपूर्ण संग्रह कविता कोश पर नहीं है। अब अगला लक्ष्य रामकुमार वर्मा जी टंकित करता हूँ। अगर मुझे पन्ने सुरक्षित करने का अधिकार दे दिया जाय तो मैं साथ के साथ पन्ने सुरक्षित भी करता चलूँ।अगर दूसरा कोई संग्रह ढूँढकर यह काम करेगा तो सबसे पहले उसे वो कविता कोश पर डालना है। ढूँढनी होगी फिर मूल श्रोत से मिलाना पड़ेगा जिसमें बहुत समय नष्ट होगा। सादर - [[धर्मेन्द्र कुमार सिंह]]
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