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दो दिन की ज़िन्दगी का मज़ा हमसे पूछिए
भूले हैं रफ़्ता-रफ़्ता <ref>धीरे-धीरे </ref> उन्हें मुद्दतों में हम किश्तों में ख़ुदकुशी <ref>आत्म-हत्या </ref> का मज़ा हमसे पूछिए
आगाज़े-आशिक़ी<ref>प्रेम-आरम्भ </ref> का मज़ा आप जानिए
हम तौबा करके मर गए क़बले-अज़ल<ref> मौत से पहले</ref> "ख़ुमार"
तौहीन-ए-मयकशी<ref>शराब का निरादर</ref> का मज़ा हमसे पूछिये
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