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नाम पे मेरे हामी भर थी पर हामी से जल गए लोग / शलभ श्रीराम सिंह
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14:49, 14 दिसम्बर 2009
ख़ामी-ख़ामी भर हूँ पर ख़ामी से जल गए लोग।।
ख़ास-उल-ख़ास
के चर्चे हर सू ख़ूब है यारो बज़्मे- आप।
ख़ासी ठंडी सीरत वाले इक आमी से जल गए लोग।।
गंगाराम
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