'''नाम"शलभ से हिन्दी कविता का एक नया गोत्र प्रारम्भ होता है | उन्हें किसी मठ में शरण लेने की आवश्यकता नहीं है |" ---नागार्जुन''' -शलभ श्रीराम सिंह
'''पिता''' -श्री राम खेलावन सिंह
'''मातानाम :''' -श्रीमती वासुदेवी शलभ श्रीराम सिंह
'''जन्मपिता :''' -५-११-१९३८श्री राम खेलावन सिंह
'''जन्म स्थानमाता :''' -श्रीमती वासुदेवी सिंह
ग्राम मसोदा ,जलालपुर ,जिला फ़ैजाबाद [आंबेडकर नगर ] उ. प्र'''जन्म :''' ५-११-१९३८
'''रचना की मूल प्रेरणाजन्म स्थान :''' -
युयुत्सा | हिन्दी नवगीत को जन-बोध का धरातल प्रदान करने वालेग्राम मसोदा, जलालपुर, जिला फ़ैजाबाद (आंबेडकर नगर), उ.प्र.
'''रचना की मूल प्रेरणा :''' युयुत्सा | हिन्दी नवगीत को जन-बोध का धरातल प्रदान करने वाले प्रथम कवि | युयुत्सा कविता के पुरस्कर्ता और युयुत्सावाद के प्रवक्ता
'''प्रकाशन :'''
कल सुबह होने के पहिले [(१९६६ ] ), इन द फ़ाइनल फेज [ (अंगरेजी अनुवाद १९७४]), अतिरिक्त पुरुष [(१९७६] ), घुमंत दरा जॉय कड़ा नाडार शब्द [बंग्ला] {(बांग्ला) (१९७६} ), त्रयी-२ में संकलित [(१९७७] ), राहे -हयात [(१९८२] ), निगाह-दर -निगाह [(१९८३]),नागरिक नामा [(१९८३ ]),कब्रिस्तान में सावधान -सत्यजित रे के उपन्यास का अनुवाद [(१९८३ ), अपराधी स्वयं [(१९८५] ), पृथ्वी का प्रेम गीत [(१९९१] ), ध्वंस का स्वर्ग [(१९९१ ), उन हाथों से परिचित हूँ मै [मैं (१९९३])
'''सम्पादन -:'''
अनागता ,परम्परा ,रूपाम्बरा ,निराला,गल्प -भारती ,युयुत्सा , अप्रत्यासित अप्रत्याशित,नया विकल्प, कर्बला, सेवा संसार, अनुगामिनी (दैनिक), दिगंत (दैनिक)
नया विकल्प ,कर्बला , सेवा संसार , अनुगामिनी [दैनिक ], दिगंत [दैनिक ]'''अप्रकाशित :'''
"शलभ से हिन्दी कविता का उंगली में बंधी हुई नदियां (नवगीत संकलन), एक नया गोत्र प्रारम्भ होता है | उन्हें किसी मठ में शरण लेने की आवश्यकता नहीं है |" गीत देश (काव्य), कारक (कहानी संग्रह), काबेरी (नाटक), शाम-ए-सफ़र (उर्दू कविता), उत्तर-नागार्जुनसंवाद (युयत्सावादी काव्य दर्शन कि व्याख्या), प्यार की तरफ जाते हुए (काव्य), दूसरे वृक्ष पर (काव्य), जीवन बचा है अभी (काव्य), फिलहाल इतना ही (काव्य)