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गोत्र शलभ
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12:36, 23 दिसम्बर 2009
'''गोत्र शलभ'''
<br>
"शलभ से हिन्दी कविता का एक नया गोत्र प्रारंभ होता है|<br>
उन्हें किसी मठ में शरण लेने की आवश्यकता नहीं है |"<br>
-- '''नागार्जुन'''<br>
Avinendra
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