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सनम आख़िर ख़ुदा नहीं होता ।
 
राहत फ़िज़ा--शांति देने वाला, ज़िक्र-ए-अग़यार--दुश्मनों की चर्चा
 
हर्फ़-ए-नासेह--शब्द नासेह (नासेह-नसीहत करने वाला)
 
यार--दोस्त-मित्र, चारा-ए-दिल--दिल का उपचार,
 
नारसाई--पहुँच से बाहर, अर्ज़ेमुज़्तर--व्याकुल मन का आवेदन