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सदस्य:KRaj
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17:03, 29 दिसम्बर 2009
हलात के कदमो मे कलन्दर नहीँ गिरता,
गर टूटे तारा तो जमी पर नहीँ गिरता।
बडे शौक से गिरते हैँ समन्दर मेँ दरिया,
पर किसी दरिया मेँ समन्दर नहीँ गिरता।
KRaj
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