गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
उसे ले गए / नरेश सक्सेना
13 bytes added
,
04:49, 5 जनवरी 2010
|रचनाकार=नरेश सक्सेना
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
अरे कोई देखो
देखो एक घोंसला गिरा-
देखो वे आरा ले आए ले आए कुल्हाड़ी
आैर
और
रस्सा ले आए
उसे बांधने
देखो कैसे
कांपी
काँपी
उसकी छायाउसकी
पित्तयों
पत्तियों
की छाया
जिनसे घाव मैने पूरे
देखो कैसे कटी उसकी छाल
Dkspoet
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits