Changes

कि जितना खेंचता हूँ और खिंचता जाये है मुझसे <br><br>
वो बदख़ू और मेरी दास्तन-ए-इश्क़ तूलानीइ तूलानी <br>
इबारत मुख़्तसर, क़ासिद भी घबरा जाये है मुझसे <br><br>