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06:48, 16 जनवरी 2010 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=शांति सुमन
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{{KKPustak
|चित्र=
|नाम=भीतर भीतर आग
|रचनाकार=[[शांति सुमन]]
|प्रकाशक=
|वर्ष=
|भाषा=हिन्दी
|विषय=
|शैली= नवगीत
|पृष्ठ=
|ISBN=--
}}
* [[अबके फिर गुलमोहर / शांति सुमन]]
* [[गुनगुन करने लगे हैं दिन / शांति सुमन]]
* [[ धूप के हाशिये /शांति सुमन ]]
* [[सूरज के साथ हम / शांति सुमन]]
* [[बड़ी हुई धूप / शांति सुमन]]
* [[मन रुई का / शांति सुमन]]
* [[ हरापन ओढ़ती है / शांति सुमन]]