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20:32, 20 जनवरी 2010 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|रचनाकार=अज्ञात
}}
{{KKLokGeetBhaashaSoochi
|भाषा=राजस्थानी
}}
<poem>
रखडी ऊपर रखडी जाण
आगे बोरलो
जाण आगे बोरलो
आगाँ सरको जी पंडत का
बेटा भरवा द्यो चरी
आगाँ सरको जी ज्योश्याँ
रा बेटा भरवा द्यो चरी
</poem>